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Showing posts from July, 2023

शिशुवाटिका शैक्षिक व्यवस्था

  शिशुवाटिका नमूनारूप शैक्षिक व्यवस्था 12 शैक्षिक व्यवस्था क्र. शैक्षिक व्यवस्था 1 चित्र पुस्तकालय 2 विज्ञान प्रयोगशाला 3 वस्तु संग्रहालय 4 कलाशाला 5 कार्यशाला 6 बगीचा 7 घर 8 क्रीडागन 9 चिडि़याघर 10 तरणताल 11 रंगमंच 12 प्रदर्शनी कक्ष यह सफर अभी जारी है। educational system  1 picture library  2 Science Lab  3 Object Museum  4 Kalashala  5 workshop  6 garden  7 houses  8 playgrounds  9 Zoo  10 swimming pools  11 Theater  12 Exhibition Rooms This journey is still going on.

स्तोत्र एवं मंत्र

सरस्वती वंदना या कुन्देन्दु- तुषारहार- धवला या शुभ्र- वस्त्रावृता या वीणावरदण्डमन्डितकरा या श्वेतपद्मासना | या ब्रह्माच्युत- शंकर- प्रभृतिभिर्देवैः सदा पूजिता सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा || शुक्लांब्रह्मविचारसारपरमा- माद्यां जगद्व्यापिनीं वीणापुस्तकधारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम् | हस्ते स्पाटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थितां वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम् || हे हंसवाहिनी ज्ञानदायनी  अम्ब विमल मति दे। अम्ब विमल मति दे॥  जग सिरमौर बनाएँ भारत, वह बल विक्रम दे। वह बल विक्रम दे॥ हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी  अम्ब विमल मति दे। अम्ब विमल मति दे॥ साहस शील हृदय में भर दे,  जीवन त्याग-तपोमय कर दे, संयम सत्य स्नेह का वर दे, स्वाभिमान भर दे। स्वाभिमान भर दे॥1॥  हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी  अम्ब विमल मति दे। अम्ब विमल मति दे॥ लव, कुश, ध्रुव, प्रहलाद बनें  हम मानवता का त्रास हरें हम,  सीता, सावित्री, दुर्गा माँ,  फिर घर-घर भर दे। फिर घर-घर भर दे॥2॥  हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी  अम्ब विमल मति दे। अम्ब विमल मति दे॥ ॐ ॐ ॐ ध...

शैक्षिक चिंतन का अधिष्ठान -- हिन्दू जीवन दर्शन

शैक्षिक चिंतन का अधिष्ठान -- हिन्दू जीवन दर्शन  1. भारतीय शिक्षा दर्शन का विकास  विद्या भारती एवं राष्ट्र भक्त शिक्षा शास्त्रियों का यह स्पष्ट मत है कि शिक्षा तभी व्यक्ति एवं राष्ट्र के जीवन के लिए उपयोगी होगी जब वह भारत के राष्ट्रीय जीवन दर्शन पर अधिष्ठित होगी जो मूलतः हिन्दू जीवन दर्शन है. अतः विद्या भारती ने हिन्दू जीवन दर्शन के अधिष्ठान पर भारतीय शिक्षा दर्शन का विकास किया है. इसी के आधार पर शिक्षा के उददेश्य एवं बालक के विकास के संकल्पना निर्धारित की है. 2. शिक्षण पद्धति का आधार - भारतीय मनोविज्ञान  शिक्षा पद्धति का निर्धारण मनोविज्ञान के द्वारा होता है. प्रचलित शिक्षण पद्धति का आधार पश्चीमी देशों में विकसित मनोविज्ञान है जो विशुद्ध भौतिकवादी दृष्टिकोण पर आधारित है. हिन्दू जीवन दर्शन पर आधारित भारतीय शिक्षा दर्शन के अनुसार बालक के सर्वांगीण विकास की अवधारणा विशुद्ध आध्यात्मिक है. परिपूर्ण मानव के विकास के संकल्पना पश्चिमी मनोविज्ञान पर आधारित शिक्षण पद्धति के द्वारा पूर्ण होना कदापि संभव नहीं है. अतः विद्या भारती ने भारतीय मनोविज्ञान का विकास किया है और उसी पर अपनी श...